निर्जला एकादशी व्रत कथा | Nirjala Ekadashi Vrat Katha

निर्जला एकादशी व्रत का क्या महत्व है?

कहते हैं कि यदि आप निर्जला एकादशी व्रत करते हैं तो आपके करोड़ो जन्म के पाप कट जाते हैं और फिर आप पाप मुक्त हो जाते हैं इसलिए हमें निर्जला एकादशी व्रत आवश्य करना चाहिए।

सबसे पहले निर्जला एकादशी व्रत किसने किया था?

महाभारत के अनुसार यह पता चलता है की सबसे पहले निर्जला एकादशी व्रत भीम जी ने किया था कहते हैं कि भीम जी अत्यधिक भोजन करते थे इसीलिए उन्होंने एक दिन के लिए निर्जला एकादशी व्रत किया था।

निर्जला एकादशी व्रत भीण जी ने क्यों किया था?

कहते हैं कि निर्जला एकादशी व्रत भीम जी ने इसलिए किया था क्योंकि भीम जी अत्यधिक भोजन करते थे इसलिए उन्हें भूख अत्यधिक लगती थी इसलिए भगवान ने कहा कि आप एक दिन के लिए व्रत कीजिए और आपको सारे पुण्य मिल जाएंगे इसलिए निर्जला एकादशी व्रत भीम जी ने किया था और सभी एकादशी का पुण्य उन्हें मिल गया था।

निर्जला एकादशी व्रत का नियम क्या है?

निर्जला एकादशी के दिन हमें कुछ भी नहीं खाना या पीना है कई लोग निर्जला एकादशी के दिन जल ग्रहण करते हैं परंतु हमें जल भी ग्रहण नहीं करना चाहिए यदि आप ऐसा करते हैं तभी निर्जला एकादशी व्रत सफल होता है अन्यथा आपका व्रत खंडित हो जाता है।

निर्जला एकादशी व्रत करने का सबसे बड़ा लाभ क्या होता है?

यदि आप निर्जला एकादशी व्रत करते हैं तो इससे आपको सभी एकादशियों का लाभ एक साथ मिल जाता है कहते हैं कि निर्जला एकादशी वर्ष में केवल एक ही बार आता है इसलिए हमें निर्जला एकादशी व्रत आवश्य करना चाहिए इससे हमें संपूर्ण लाभ मिल जाता है।

निर्जला एकादशी व्रत करते समय हमें क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

निर्जला एकादशी व्रत रखते समय हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए हमें सदैव सात्विक रहना चाहिए और सात्विक आहार ही लेना चाहिए यदि हम ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से हमें पूर्ण लाभ मिल सकता है और यदि हम ऐसा नहीं करते तो हमें लाभ नहीं मिलेगा।

Shri Ram Ji

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