तांत्रिक खतरनाक क्यों होते हैं?
तांत्रिक इसलिए भी खतरनाक होते हैं क्योंकि ये सदैव तंत्र साधना में रहते हैं और इनका उद्देश्य रहता है कि लोगों को नुकसान पहुंचा कर धन कमाना इसलिए इन्हें खतरनाक माना जाता है।
तांत्रिक कौन होते हैं?
जो लोग तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियों से जुड़कर साधना इत्यादि करते हैं उन्हें हम तांत्रिक कहते हैं ये तांत्रिक आमतौर पर लोगों में भय दिखाकर उनसे धन लेने का कार्य करते हैं।
तंत्र साधना सही है या गलत?
तंत्र साधना को गलत नहीं माना जा सकता परंतु यदि तंत्र साधना का प्रयोग जनकल्याण के लिए किया जाए तो इसे सही माना जा सकता है परंतु यदि इसका उपयोग किसी को हानि पहुंचाने के लिए किया गया है तो उसे उचित नहीं कहा जा सकता।
तांत्रिक लोगों को कैसे भ्रमित करते हैं?
तांत्रिक अपने बुद्धि का उपयोग करते हैं पहले तो वो आपके घर में प्रवेश करेंगे और आपके घर में कहेंगे कि प्रेत बाधा है उसके बाद आपके मन में भय व्याप्त करेंगे उसके बाद उस प्रेत बाधा को निकालने हेतु कुछ धनराशि मांगेंगे जैसे ही आप उन्हें धनराशि दे देते हैं तो फिर वह कहेंगे कि रात्रि में शमशान से सामग्री लेकर आओ परंतु आप वह सामग्री लाने में सक्षम नहीं होंगे तो उसके बदले भी वो आपसे धन लेंगे और फिर ऐसे करके आपसे बहुत सारा धन लेकर वहां से सदा के लिए अदृश्य हो जाएंगे वो फिर कभी लौट कर नहीं आते हैं।
तांत्रिकों से कैसे बच सकते?
यदि आप भगवान के परम भक्त हैं और निरंतर भगवान का नाम जप करते हैं तो कोई भी तांत्रिक आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता यदि आपके पास कोई तांत्रिक आए भी तो उसे आप स्पष्ट तौर पर मना कर दीजिए कि आपको तंत्र साधना से कोई लेना-देना नहीं है।
सबसे अधिक तंत्र साधना कहां किया जाता है?
कहते हैं की सबसे अधिक तंत्र साधना महाकालेश्वर में किया जाता है साथ ही साथ कामाख्या मंदिर में भी किया जाता है इन स्थानों पर तंत्र साधना अत्यधिक किया जाता है परंतु वैसे तो पूरे भारत में ही तंत्र साधना किया जाता है।
तंत्र साधना के लिए विशेष दिवस कौन सा होता है?
अमावस्या की रात्रि को तंत्र साधना के लिए विशेष माना गया है कहते हैं कि इस दिन तांत्रिक घोर तंत्र साधना करते हैं और कहते हैं कि इस दिन उनका तंत्र सफल भी हो जाता है इसलिए इस दिवस को तंत्र साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है।
तंत्र साधना को कैसे समाप्त किया जा सकता है?
यदि आपके ऊपर भी कोई तंत्र साधना कर चुका है तो उसके लिए हमें सदैव भगवान का नाम स्मरण करना चाहिए और शिव मंदिर में जाकर बेलपत्र जल इत्यादि अर्पण करना चाहिए यदि हम ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से हम उसके नकारात्मक प्रभाव से निकाल सकते हैं साथ ही साथ हमें महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप करना चाहिए जिसके माध्यम से हम उस नकारात्मक ऊर्जा से बाहर निकल सकते हैं।