भगवान को प्रणाम कैसे करना चाहिए?
भगवान को प्रणाम करते समय कुछ बातों का ध्यान आवश्य रखना चाहिए हमें सदा भगवान को दाहिनी ओर से प्रणाम करना चाहिए यही सही तरीका होता है भगवान को प्रणाम करने का इसलिए हमें इसका अनुपालन करना
चाहिए।
भगवान को सामने से प्रणाम क्यों नहीं करना चाहिए?
कहते हैं कि भगवान के सामने सदैव देवी देवता उपस्थित रहते हैं और वो उनकी स्तुति करते रहते हैं इसलिए हमें परमात्मा को सामने से प्रणाम नहीं करना चाहिए।
भगवान को बाई ओर से प्रणाम क्यों नहीं करना चाहिए?
परमात्मा को बाई ओर से प्रणाम इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि कहा जाता है कि बाई और से भगवान ब्रह्मा जी भगवान को प्रणाम करते हैं इसलिए हमें बाई ओर से भगवान को प्रणाम कभी भी नहीं करना चाहिए।
साष्टांग प्रणाम क्या होता है?
साष्टांग प्रणाम का सीधा अर्थ है कि हम जब भगवान के समक्ष पूर्ण समर्पण लेकर प्रणाम करते हैं तो उसे साष्टांग प्रणाम कहा जाता है परंतु महिलाओं को साष्टांग प्रणाम नहीं करना चाहिए उन्हें घुटनों के बल झुक कर परमात्मा को प्रणाम करना चाहिए।
साष्टांग प्रणाम के क्या लाभ है?
कहते हैं कि यदि आप साष्टांग प्रणाम करते हैं तो आपके सारे पाप कट जाते हैं और फिर आप निष्पाप हो जाते हैं इसीलिए शास्त्रों में इस प्रकार से प्रणाम करने को बताया गया है यदि हम ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से हम पाप से मुक्त हो सकते हैं।
भगवान को प्रणाम करते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
भगवान को प्रणाम करते समय हमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे हमारी अवस्था शुद्ध होनी चाहिए हमारे मन में किसी प्रकार का मैल नहीं होना चाहिए हमारा भाव उच्च कोटि का होना चाहिए यदि इन बातों का हम ध्यान रखते हैं तो निश्चित रूप से हमें प्रणाम करने का पूर्ण लाभ मिल सकता है।
भगवान को पीछे से प्रणाम क्यों नहीं करना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार भगवान को पीछे से भूलकर भी प्रणाम नहीं करना चाहिए क्योंकि कहा जाता है कि भगवान अपने पीछे समग्र पाप लेकर चलते हैं इसीलिए भगवान को पीछे से भूलकर भी प्रणाम नहीं करना चाहिए कई लोग ऐसी गलती कर देते हैं परंतु हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमें परमात्मा को पीछे से प्रणाम नहीं करना चाहिए।
भगवान को दाहिनी ओर से प्रणाम करने के क्या लाभ मिल सकते हैं?
यदि हम भगवान को दाहिनी ओर से विधिपूर्वक प्रणाम करते हैं तो निश्चित रूप से इससे हमारे जीवन में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है हमारे जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं हमारे जीवन में जितने भी संकट है वह दूर हो सकते हैं तो इसलिए हमें इन सभी बातों का ध्यान आवश्य रखना चाहिए और जो शास्त्रों ने बताया उसी प्रकार से हमें कार्य करना चाहिए।