आज धरती पर इतना पाप बढ़ रहा है फिर भी भगवान क्यों नहीं आ रहे हैं?
सच में देखा जाए तो धरती पर आज पाप इतना बढ़ गया है कि चारों ओर पाप का ही बोलबाला है परंतु फिर भी भगवान का अवतार नहीं हो रहा है तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि भगवान धर्म की स्थापना हेतु आते हैं तो जब भगवान को यह अनुभव होगा कि उन्हें अवतार लेना चाहिए तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार आवश्य लेंगे।
भगवान कब अवतार लेते हैं?
जब-जब इस धरती पर पाप बढ़ता है तब तब भगवान इस धरती पर अवतार लेते हैं और कहते हैं कि भगवान के अवतार लेने का एकमात्र उद्देश्य धर्म की स्थापना होता है जब भगवान यहां पर आते हैं तो अधर्म का नाश होता है और धर्म का स्थापना होता है।
आज धरती पर पाप बढ़ने का क्या कारण है?
धरती पर पाप बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है मनुष्य का स्वार्थ मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए जीवों की हत्या कर रहा है और उनका भक्षण कर रहा है इसलिए धरती पर लगातार पाप बढ़ता चला जा रहा है।
कलयुग का अंत कैसे होता है?
जब धरती पर लगातार पाप बढ़ता जाता है तो एक समय ऐसा आता है कि पाप अपने चरम सीमा पर चला जाता है तब कलयुग का अंत होता है और कहते हैं कि उस समय कलयुग में चारों ओर जल ही जल होता है यानी कि यह पृथ्वी जल में समाहित हो जाती है और फिर इस पृथ्वी का अंत हो जाता है यानी कि कलयुग का अंत हो जाता है।
आखिर कलयुग में पाप होता ही क्यों है?
परमात्मा ने प्रत्येक व्यक्ति को कर्म करने की स्वतंत्रता दी है परमात्मा कभी भी कर्म में बाधक नहीं बनते तो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल मिलता है परंतु आज दुर्भाग्य है कि कलयुग में व्यक्ति केवल पाप कर रहा है और पाप करके वह सोचता है कि वह अच्छा कार्य कर रहा है इसलिए कलयुग में पाप बढ़ता चला जा रहा है।
भगवान कलयुग में कब अवतार लेते हैं?
प्रत्येक युग में भगवान का अवतार युग के अंत में ही होता है तो कलयुग में भी भगवान कलयुग के अंत में ही आएंगे और भगवान के आने के बाद ही इस कलयुग से पाप समाप्त हो पाएगा और फिर सतयुग की स्थापना हो पाएगा यह बात स्वयं भगवान भागवत् गीता जी में कहते हैं।
भगवान नारायण कैसे भक्तों की रक्षा करते हैं?
जो भी व्यक्ति भगवान की सच्ची भक्ति करता है भगवान सदैव उसकी रक्षा करते हैं इसीलिए कहा जाता है की भक्ति में अत्यधिक शक्ति होती है तो हमें सदा भक्ति करनी चाहिए यदि हम सच्ची भक्ति करते हैं तो निश्चित रूप से हमें परमात्मा की प्राप्ति होती है।
हम भगवान को कैसे देख सकते हैं?
प्रत्येक व्यक्ति में यह समर्थ है कि वह भगवान का दर्शन कर सकता है परंतु जब हम सच्ची भक्ति करेंगे साधना के मार्ग पर जाऐंगे तो निश्चित रूप से हम भगवान का दर्शन कर सकते हैं इसीलिए जब हम सच्ची भक्ति करते हैं तो हम भगवान का दर्शन करने में सक्षम हो जाते हैं।