कर्ण का जन्म कुंती के कान से कैसे हुआ था || Five Amazing Fact in Mahabharat

महाभारत में कर्ण का जन्म कुंती जी के कान से कैसे हुआ था?

कहते हैं कि कर्ण का जन्म कुंती जी के कान से हुआ था माता कुंती ने एक मंत्र का उच्चारण किया उसके बाद कहते हैं कि सूर्य देव ने उन्हें पुत्र रूप में कर्ण को सौप था जो उनके कान से उत्पन्न हुआ था तो यह मंत्र का ही प्रभाव था जिसके कारण कर्ण का जन्म हुआ था।

महाबली भीम के पास दस हजार हाथियों का बाल कैसे आया था?

कहते हैं कि एक बार दुर्योधन ने महाबली भीम के भोजन में विश मिला दिया और उन्हें एक सरोवर में फेंक दिया उस सरोवर में बहुत सारे नाग रहते थे उन सारे नागों ने महाबली भीम को काटना प्रारंभ कर दिया कहते हैं विश को विश काट देता है उसके बाद भीम अवचेतन अवस्था में आ गए और फिर उन सांपों का वध करने लगे तब सांपों का जो देवता था जो राजा था वह वहां पर आया और उसने भीम से उन्हें न मारने की विनती की तब भीम ने उन्हें छोड़ दिया उसके बाद कहते हैं कि इस राजा ने भीम को दस हजार हाथियों इतना बल हो जाने का आशीर्वाद दिया था तभी से भीम के पास दस हजार हाथियों का बल आ गया था।

महाभारत युद्ध में बलराम जी ने हिस्सा क्यों नहीं लिया था?

महाभारत युद्ध में बलराम जी ने हिस्सा इसलिए भी नहीं लिया था क्योंकि वो संकल्पित हो चुके थे कि वो किसी भी पक्ष से युद्ध नहीं करेंगे इसलिए उन्होंने महाभारत में हिस्सा नहीं लिया था और वो महाभारत युद्ध से दूर ही रहे थे।

महाभारत में युधिष्ठिर जी का रथ भूमि से दो फीट ऊपर कैसे चलता था?

कहते हैं कि यह सत्य का ही प्रभाव था कि युधिष्ठिर जी का जो रथ था वह भूमि से कुछ ऊपर चला करता था कहते हैं की युधिष्ठिर जी सदा सत्य बोलते थे इस कारण उन्हें यह बड़ा वरदान मिला हुआ था कि उनका जो रथ है वह भूमि से ऊपर ही चलेगा।

कौरवों का जन्म मटके से कैसे हुआ था?

कहते हैं महाभारत में कौरवों का जन्म मटके से हुआ था गांधारी जब मां नहीं बन पाई तो उसने अपने उदर पर प्रहार किया कहते हैं कि उसके उदर से मांस का एक पिंड निकला उस पिंड को वेद व्यास ने कुछ घडो में बंद करके रखवा दिया कुछ वर्ष बाद जब उसे खोला गया तो उसमें से सौ कौरव निकले इसीलिए कहा जाता है कि कौरवों का जन्म मटके से हुआ था।

Shri Ram Ji

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